Aashiyana
Tuesday, 17 December 2024
मुझे क्रोध भयंकर आता था
मुझे क्रोध भयंकर आता था
पर क्रोध को मैंने बांध लिया। बनना है मुझको सर्वश्रेष्ठ, यह मन में मैंने ठान लिया। किया अपमानित मुझे बार बार, न किसी ने मेरा मान किया। एक दुर्योधन ही था जिसने, हरदम मेरा सम्मान किया।
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